Lili Karmakar (लिली कर्मकार)
मंगलवार, 26 नवंबर 2013
आलोचना
जब हम सामाजिक कार्य करेंगे तो हमारा विरोध भी होगा और आलोचना भी
|
लेकिन इस डर से हम अपना काम करना छोड़ तो नहीं सकते
|
जो विरोध और आलोचना से डरते है वो सामाजिक कार्य के लिए वास्तविक मैदान पर ना ही उतरे तो ही सही है
|
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें