गुरुवार, 29 मई 2014

कोई व्यक्ति राष्ट्र से बढ़ कर नहीं हो सकता।
हर एक रिश्ते में मनमुटाव और वाद विवाद होता है । कई या हर चीजों पर एक दूजे का मत और सोच अलग हो सकता है । लड़ाई भी हो सकती है, आखिर हम सब इंसान हैं । इसका अर्थ यह नहीं होता है कि रिश्ते में प्यार नहीं बचा या फिर रिश्ता टूट गया !

मंगलवार, 20 मई 2014

इंसान जब बहुत खुश होता है तब भी कुछ नहीं बोल पाता और जब हद से ज्यादा दुखी होता है तब भी कुछ नहीं बोल पाता ।। दोनों परिस्थिति में इंसान बस मूक दर्शक मात्र ही बन कर रह जाता है ।।

रविवार, 18 मई 2014

अगर आप जीत कर भी असभ्य है तो तो हार कर भी मुस्कुराने वाला हार कर भी न जाने क्या क्या जीत लेता है ....... विजेता बनिए विनम्र रहिये जिंदगी में न जाने कितनी कामयाबियां मिलेंगी |

बुधवार, 7 मई 2014

अपनी स्वतन्त्रता बनाए रखिए और आज़ादी का जज्बा दिल पर जलाए रखिए |
सच्चा ज्ञानी व्यक्ति अपने ज्ञान की सीमा जनता है | अल्पज्ञ अपने आपको सर्वज्ञानी समझ कर अहंकारी हो जाता है |