इसे आधुनिक बाल
मज़दूरी ही कहेंगे जहाँ बच्चों के स्कूल बैग इतने भारी होते है कि मानो बच्चा स्कूल
नहीं मजदूरी करने जा रहा है। कहीं बच्चे बड़े बड़े बिल्डिंग के तले मज़दूरी करते हुए
दिख जायेगा तो कहीं किताबों और भविष्य की आमदानी के तले जूझते हुए।।
रविवार, 5 अप्रैल 2015
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