Lili Karmakar (लिली कर्मकार)
मंगलवार, 26 नवंबर 2013
दूसरों की गलतियों को क्या देखें !
हम खुद ही गलतियों की ढेर हैं
,
दूसरों की गलतियों को क्या देखें !
खुद ही सुधर नहीं पाये अभी तक
,
दूसरों का सुधार हम कैसे करें
?
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