हम लोगों को अपनी
की हुई गलतियों से दूसरों की गलतियों पर ज़्यादा नज़र रहती है | इसलिए हम अपनी गलतियों का सुधार कभी नहीं करते |
अगर हम कुछ गलतियाँ करते हैं तब उन्हें स्वीकार
कर के जीवन में आगे बढ़ जाना ही सही रहता है | नहीं तो खुद भी उलझे रहते हैं और दूसरे को भी उलझा देते हैं
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