Lili Karmakar (लिली कर्मकार)
सोमवार, 23 जून 2014
"जो हमारा नहीं है और जो हमारा कभी हो भी नहीं सकता ! हम इंसान कभी कभी उसके ऊपर बहुत आसानी से हक़ जमा लेते हैं
,
और फिर खोने के डर से पागलों जैसे हरकत करते है ।।"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें