शुक्रवार, 6 जून 2014

हमारे मन में किसी व्यक्ति के लिए जो ओहदा, सम्मान और प्यार हैं हमेशा सामने वाले के मन में भी हमारे लिए वोही ओहदा, सम्मान और प्यार हो यह ज़रूरी नहीं है । हर एक इन्सान की संवेदनाएं, भावनाएं और अनुभव अलग अलग होती है इसीलिए एहसास भी अलग अलग होता है । फिर दुःख किस बात का हमें बस अपने हक़ का कार्य करना है और एकदिन इस दुनिया से चले जाना है ।।

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