Lili Karmakar (लिली कर्मकार)
बुधवार, 2 जुलाई 2014
समझौता (
compromise)
अपने अपने परिवार या फिर रिश्ते को बिखरने से बचाने के लिए किया जाय
,
तो ठीक है । न की किसी की चापलूसी या नाज़ायज़ ज़िद्द को पूरा करने के लिए । चाहे वह कर्मक्षेत्र की किसी भी मैदान में क्यूँ न हो ।
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