Lili Karmakar (लिली कर्मकार)
शनिवार, 8 नवंबर 2014
अगर हम दूसरे से अपेक्षा रखते हैं कि वो हमारी बातों का क़द्र करें और सुनें
,
तो पहले हमें दूसरों की बातों का क़द्र करना चाहिए और सुनना चाहिए और साथ ही ये कला सीखनी चाहिए ।।
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