कुछ दर्द ऐसे
होते है जो जीवन भर के साथी बन जाते है वो चाहे शारीरिक हो या मानसिक | उन दर्दों को हम जितना सोचते है उतना ही ज़्यादा
महसूस होते है | इसलिए ऐसी चीजों
को ज़्यादा न तो सोचना है और न तो महसूस करने का मौका देना चाहिए | बस जीवन को जीना है दर्द को भुला कर, क्योंकि हमारे सामने बहुत सारी अच्छी चीज़ें
होती है महसूस करने के लिए, लेकिन दर्द में
हम इतना डूब जाते है की अच्छी चीजों को हम महसूस ही नहीं कर पाते | जीवन को जीने के लिए सही मायने में हमे
सकारात्मक होना बहुत ज़रूरी है |
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