इज्ज़त पाने के
लिए पहले इज्ज़त देना पड़ता है | यह बात छोटे-बड़े
सभी के लिए एक ही समान मायने रखती है | बड़े, बच्चों के प्रति इतना
सख्त रवैया अख्तियार न करें, कि बच्चों को
अभिभावक के आगे डर के मारे छोटी-छोटी बातों को ले कर झूठ बोलना पड़े | और बच्चे कोई ऐसा काम न करें कि हमेशा उन्हें
बड़ों के सामने झूठ बोलना पड़े | जिससे की बड़ों
का भरोसा टूटे या बड़ों के भरोसे को ठेस पहुंचे। हर परिस्थिति में अपने आपको सहज
बनाए रखना ही सबसे बड़ी कला है |
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