गुरुवार, 6 फ़रवरी 2014

इज्ज़त

इज्ज़त पाने के लिए पहले इज्ज़त देना पड़ता है | यह बात छोटे-बड़े सभी के लिए एक ही समान मायने रखती है | बड़े, बच्चों के प्रति इतना सख्त रवैया अख्तियार न करें, कि बच्चों को अभिभावक के आगे डर के मारे छोटी-छोटी बातों को ले कर झूठ बोलना पड़े | और बच्चे कोई ऐसा काम न करें कि हमेशा उन्हें बड़ों के सामने झूठ बोलना पड़े | जिससे की बड़ों का भरोसा टूटे या बड़ों के भरोसे को ठेस पहुंचे। हर परिस्थिति में अपने आपको सहज बनाए रखना ही सबसे बड़ी कला है |

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